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Kolkata Rape and Murder Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष शवों को भी नहीं छोड़ते थे लावारिस, करते थे ऐसा काम, आरजी कर हॉस्पिटल के पूर्व अधिकारी का बड़ा दावा

Kolkata Rape and Murder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर से पूरा देश सदमे में है. इस घटना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है.....

नई दिल्ली, Kolkata Rape and Murder Case:  कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए रेप-मर्डर से पूरा देश सदमे में है. इस घटना के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं इस जघन्य अपराध के आरोपी को किसी जानवर से कम नहीं समझा जा रहा है. इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच इस घटना के दायरे में आए पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. सीबीआई उनसे लगातार पूछताछ कर रही है.

Kolkata Rape and Murder Case: इस बीच संदीप घोष पर एक और बड़ा आरोप लगा है

मेडिकल कॉलेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने दावा किया है कि संदीप घोष लावारिस शव बेचने समेत कई अवैध गतिविधियों में शामिल था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल कचरे और चिकित्सा उपकरणों की तस्करी में लगे हुए थे।

Kolkata Rape and Murder Case:  इस वजह से हुआ ट्रांसफर

अख्तर अली ने यह भी दावा किया कि उन्होंने डॉ. संदीप घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को एक जांच रिपोर्ट भी भेजी थी। जिसके बाद उनका आरजी कर अस्पतला से ट्रांसफर कर दिया था। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जिस दिन मैंने जांच रिपोर्ट सौंपी, उसी दिन मुझे ट्रांसफर कर दिया। साथ ही जांच स​मिति के दो सदस्यों कोआपको बता दें कि वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले में डा. संदीप घोष के खिलाफ पहले ही केस दर्ज किया जा चुका है। वहीं डाक्टर की हत्या मामले को दबाने में डा. घोष की भूमिका संदिग्ध मानते हुए सीबीआई उनसे अब तक कई बार पूछताछ कर चुकी है। इससे पहले भी पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने डा. संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगाए थे। अली ने कहा था कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जो भी काम होता था चाहे वो पोस्टिंग हो, ट्रांसफर हो, हॉस्टल एलाटमेंट हो डा. संदीप घोष हर चीज में पैसा खाते थे। वो छात्रों को फेल करते थे, टेंडर ऑर्डर के नाम पर 20 प्रतिशत कमीशन लेते थे। भी दूसरी जगह भेज दिया। मैंने छात्रों को इस आदमी से बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकता था वह किया, लेकिन मैं असफल रहा।’

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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